सांभर झील में पक्षियाें की माैत के बाद अजमेर में लगातार काैवाें के मरने का कारण अभी भी रहस्य बना हुअा है। पाेस्टमार्टम की रिपाेर्ट के मुताबिक काैवाें की माैत जहरीला पदार्थ खाने से ही हुई थी। इसके बाद भी जांच के लिए सैंपल भाेपाल अाैर जयपुर की लैब में भेजे गए थे। भाेपाल की रिपाेर्ट नेगेटिव अाई थी, यानी माैत की वजह एवियन एन्फ्लूएंजा नहीं मानी गई है। इधर ब्यावर में भी काैवे पिछले चार दिनाें से लगातार मर रहे थे। एेसे में वन विभाग ने जयपुर भेजे सैंपल वापस लेकर उसे अाईवीअारअाई बरेली भेजा है। वहां से रिपाेर्ट मंगलवार तक अाने की संभावना है। इधर जिला प्रशासन ने पर्यावरण विभाग काे भी माैत के कारणाें की जांच के लिए कहा था। जिसमें एमडीएसयू की टीम ने माैका मुअायना किया था। इस टीम का भी मानना है कि काैवाें की माैत का कारण दूषित खाना ही है। लेकिन ब्यावर में काैवाें के मरने का क्या कारण हाे सकता है इस पर काेई ठाेस जवाब किसी के पास नहीं है। सबकी नजर अब बरेली से अाने वाली रिपाेर्ट पर ही टिकी है। सांभर में पक्षियाें की माैत की त्रासदी हाेने के बाद अजमेर में 29 नवंबर से काैवाें के मरने का सिलसिला शुरू हुअा था। इसके बाद से अब तक लगातार काैवाें के शव मिल रहे हैं। शुक्रवार काे भी 9 काैवाें मिले हैं। यह काैवे रीजनल काॅलेज के सामने स्थित वृंदावन गाॅर्डन के पीछे इन काैवाें के शव मिले। वन विभाग की टीम ने इन्हें अपने कब्जे में लेकर घूघरा घाटी नर्सरी में जला दिया है।
जहरीले पदार्थ पर ही अटका है मामला |29 नवंबर काे अानासागर के किनारे बारादरी में 19 काैवाें के मरने का पहला मामला सामने अाया था। भास्कर में खबर प्रकाशित हाेने के बाद वन विभाग अाैर जिला प्रशासन भी हरकत में अाया था। वन विभाग ने मृत काैवाें में से कुछ का पाेस्टमार्टम कराया था। पशु चिकित्सक डाॅ. प्रफूल माथुर के मुताबिक काैवाें की पाेस्टमार्टम रिपाेर्ट में जहरीला पदार्थ खाने से ही माैत हाेने की बात सामने अाई थी। विस्तार से जांच के लिए ही सैंपल भाेपाल अाैर बरेली भेजे गए थे। अब अाईवीअारअाई की रिपाेर्ट का इंतजार है। इधर जिला प्रशासन ने इस मामले में एमडीएस यूनिवर्सिटी के पर्यावरण विभाग काे भी जांच करने के लिए कहा था। ताकि पर्यावरण से संबंधित काेई कारण सामने अाने पर उस दिशा में काम किया जा सके। पर्यावरण विभाग की टीम ने लगातार कई दिनाें तक अानासागर क्षेत्र की निगरानी की थी।
शुक्रवार काे मृत मिले 9 काैवाें काे घूघरा घाटी में जलाते कर्मी।
सांभर झील में पक्षियाें की माैत के बाद अजमेर में लगातार काैवाें के मरने का कारण अभी भी रहस्य बना हुअा है।