समाज और धर्म के उत्थान में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका सुनिश्चित करने का दायित्व बुजुर्गों का है। उन्हें युवाओं को आगे आने के लिए
प्रेरित तो करना ही चाहिए। साथ ही स्वयं आगे से युवाओं को जिम्मेदारी भी सौपनी चाहिए, ताकि वो समाज की मुख्यधारा से जुड़कर कार्य कर सके। उक्त बात जम्बू स्वामी की तपोस्थली बौलखेड़ा में दिगंबर जैन मुनि शिवानंद महाराज ने बुधवार को कहे। जैन मुनि ने कहा कि युवा वर्तमान के साथ साथ भविष्य भी हैं। अत: धर्म व समाज के कार्यों में युवाओं को बिना किसी पद-सम्मान की लालसा रखते हुए बढ़चढ़ कर भाग लेना चाहिए। आचार्य वसुनंदी महाराज के युगल शिष्य शिवानंद महाराज एंव मुनि प्रशमानंद महाराज का बुधवार की सुबह कलावटा से पद विहार करते हुए जम्बू स्वामी तपोस्थली बौलखेड़ा पर मंगल प्रवेश हुआ। जहां तपोस्थली के अध्यक्ष रमेश चंद गर्ग, महामंत्री अरुण जैन बंटी, प्रचार प्रभारी संजय जैन बडजात्या, शीला गर्ग, मोहन जैन, संजय सर्राफ सहित अन्य लोगो ने पाद प्रक्षालन आरती उतार कर आगवानी की। इस अवसर पर दीपक जैन, सुब्रताशीष, धर्म जाग्रति संस्थान कामां, फिरोजाबाद युवा संघ के सदस्य सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
धर्म - समाज
बीस थालियों में हुआ ज्ञान मुनि सागर का पद प्रक्षालन
पहाड़ी। कस्बे में बीस साल बाद जैन समाज के मुनि ज्ञान सागर महाराज के मंगल प्रवेश पर समाज के लोगो सहित अन्य समाजों के लोगो ने जोरदार स्वागत किया गया। वही जैन समाज द्वारा बीस थालियों में मुनि महाराज के पद प्रक्षालन किया गया। मुनिश्री तीन दिन के लिए पहाड़ी में रहेंगे
बुधवार को सुबह करीब 8 बजे जैन समाज के मुनि ज्ञान सागर महाराज तिजारा से चलकर हरियाणा होते हुए राजस्थान सीमा में पहुंचे। वही जैन समाज के लोगो द्वारा हरियाणा बॉर्डर पर मुनि का स्वागत किया गया। वही कस्बे के चकलेश्वर महादेव मंदिर पर कावड़ सेवा समिति के तत्वावधान में मंदिर पर मुनि का पद प्रक्षालन किया गया।
वही से जैन समाज के लोगो ने बैंड बाजो की धुनों के साथ ध्वज लेकर मुनि जी का पहाड़ी कस्बे में प्रवेश कराया गया । मुनि जी के आगमन पर पहाड़ी बाजार को दुल्हन की तरह सजाया गया वही कस्बे के लोगो सहित जैन समाज के लोगो के रास्ते मे पड़ने वाले मकानों के लोगो द्वारा मुनि जी का पद प्रक्षालन किया गया । वही कस्बे के रामलीला मैदान में जैन समाज द्वारा सामूहिक रूप से बीस थालियों में मुनि का पद प्रक्षालन किया गया। इस अवसर पर जेन समाज के लोगो के साथ कस्बे के गणमान्य लोग भी मौजूद थे ।
धर्म उत्थान के लिए युवा आगे आएं, ताकि वो समाज की मुख्यधारा से जुडं़े : मुनि शिवानंद